नेता झूलेलाल
नेता झूठेलाल
1,2,3,4,हमारा नेता, झूठा, मक्कार
नेता के कार्यकर्ता नारे लगा रहे थे, तभी नेता ने कहा
नेता-"अरे,,,तमारी जी,,जी,,की ऐसे नारे लगाओगे तो जनता ,जूता मारेगी और तुम सबसे जो मैंने ₹500 देने का वादा किया है, वह वादा, वादा ही रह जाएगा, क्योंकि हमारे देश के नेता, वादे तो सच्चे करते हैं, बस पूरा नहीं करते हैं, झूठेलाल नाम है मेरा, पर कभी झूठ नहीं बोलता हूं,अच्छे नारे लगाओ
हमारा नेता कैसा हो, झूठे लाल जैसा हो हमारा नेता कैसा हो, झूठे लाल जैसा हो
यह सुनकर नेता खुश हुआ और उसने हाथ जोड़कर अभिवादन किया, तभी उसे एक एक इंसान, जंजीर से बंधा हुआ दिखा, जो कुत्ते जैसी हरकत कर, भौंक रहा था, नेता ने उसके गले से जंजीर निकाली और कहा
नेता-"झूठेलाल के राज में कोई इंसान गुलाम नहीं रहेगा"!
और उसके सिर पर हाथ फेर कर, उसे बिस्किट खिलाया, तभी उस, कुत्ते बने इंसान ने, नेता का हाथ पकड़ कर, बहुत जोर से काटा,
नेता -आआआअअअ,,,"अबे,,,छोड़, मैंने बचाया और मुझे ही काट रहा है"!नेता ने उसे मारते हुए कहा
तभी वहां खड़े दूसरे युवक ने कहा -"अरे,,नेताजी, इस बेचारे को क्यों मार रहे हो"? "यह तुम्हारे कारण ही कुत्ता बना है, तुमने 5 साल में एक बार भी, कुत्ते पकड़ने वालों को नहीं बुलाया, गांव में इंसान से ज्यादा कुत्ते हो गए हैं और काट-काट कर, इंसान को कुत्ता बना रहे हैं"!
नेता -"बस इतनी सी बात"!
नेता ने फोन लगाकर कहा -"अरे,,यह कुत्ता पुर गांव से सारे, कुत्ते पकड़ कर ले जाओ, नहीं तो सबको सस्पेंड करवा दूंगा"!
इस काल के लिए आपके मोबाइल में पर्याप्त बैलेंस नहीं है, नेता ने मुस्कान के साथ फोन काटा,
फिर नारे शुरू हुए हमारे नेता कैसा हो, झूठे लाल जैसा हो हमारा नेता कैसा हो, झूठे लाल जैसा हो
काफिला आगे बढ़ा
नेता ने घर के बाहर अपने मित्र को देखा और उससे कहा
नेता -"गोपालिया, हमारा चुनाव चिन्ह, जूता है, ध्यान रखना"!
गोपाल -"इधर आ भी मत जाना, नहीं तो जूते की मारूंगा तुझे, झूठे, मक्कार"!
नेता -"ठीक है बेटा,,,तुझे,चुनाव बाद देखूंगा"!
इतने में नेता के पीए ने, नेता को जूते का हार पहनाया
नेता ने पिए को आश्चर्य से देखा और कहा
नेता -"आस्तीन के सांप, क्यों किया यह पाप"?
पिए -"अरे,,,सर आप गलत समझ रहे हो, हमारा चुनाव चिन्ह जूता है, इसलिए यह जूते का हार, आपके लिए स्पेशली बनवाया है, अब आप एक नंबर लग रहे हो और इसे देखकर कोई, आपको, जूते की भी नहीं मारेगा"!
नेता -"आईडिया तो एक नंबर है, यार,,इसीलिए इस हार को तू पहन"!
नेता ने पिए के गले में हार पहनाया
तभी नेताजी को पीछे से एक शराबी ने लात मारी और कहा
शराबी -"राम-राम नेताजी,,,मेरी पांच मांग, पूरी करोगे तो आपको जूता दूंगा, मेरा मतलब, आपके जूते को वोट दूंगा"!
नेता -"हमारा जन्म, जनता की सेवा के लिए ही हुआ है, बताओ शराबी"?
शराबी-"गांव में एक बहुत बड़ी, टंकी बनवाओ"!
नेता -"पानी के लिए"!
शराबी -"नहीं,,,शराब के लिए, ताकि कोई शराबी, प्यासा ना रहे, दूसरी शर्त, गांव में फ्री सिटी बस चलवाओ"!
नेता -"पब्लिक बस, जनता के लिए"!
शराबी -"नहीं,,,शराबियों को घर से वाइन शॉप और वाइन शॉप से घर ले जाने के लिए, अरे,,,हम शराबियों को कोई भी रोड़ पर कुत्तों की तरह, कुचल कर चला जाता है, तीसरी शर्त,गांव में एक स्कूल बनाओ"!
नेता -"अच्छा,,,बच्चों को पढ़ने के लिए"!
शराबी -"नहीं यार,,,,बच्चों को शराबी बनाने के लिए और शराब के फायदे समझाने के लिए, ताकि सभी बच्चे शराबी बनकर, नो टेंशन जिंदगी, जी सके, चौथी शर्त, लाडली बहन योजना बंद करो और लाडले शराबी भाई, योजना चालू करो, ताकि किसी को भी शराब पीने में पैसों की कमी ना आए और लास्ट, मोस्ट इंर्पोटेंट मांग, हमारी यह सभी मांग, तू तो क्या, तेरा बाप भी पूरी नहीं कर सकता, इसलिए तेरे जूते पर तो वोट नहीं डाल सकता, पर तुझे एक जूते की जरूर मार सकता हूं, मारूं क्या"?
नेता ने उसे मारते हुए भगाया
काफिला आगे बढ़ा
हमारा नेता, कैसा हो, झूठेलाल जैसा हो हमारा नेता, कैसा हो, झूठेलाल जैसा हो
नेता ने एक युवक के घर के सामने रुककर हाथ जोड़ते हुए उससे कहा
नेता -"हमारा चुनाव चिन्ह,जूता है, ध्यान रखना"!
युवक -"नेताजी,,,तुम, हमारा ध्यान रखते हो, जो हम तुम्हारा ध्यान रखे, आ गए हाथ फैला कर,भीख मांगने, पहले मेरी समस्या खत्म करो, फिर तुम्हारे जूते-चप्पल का ध्यान रखूंगा"!
नेता-"हां,,,बता तेरी क्या समस्या है"?
युवक -"मेरी शादी करवा दो, लूली, लंगड़ी, गूंगी बहरी सब चलेगी"!
नेता -"तेरे मां-बाप से बोल, वह तेरी इस समस्या का समाधान करेंगे, क्योंकि तेरी इस समस्या का समाधान, नेता नहीं, तेरे माता-पिता कर सकते हैं"!
युवक -"मेरी मां ने दो शादी कर ली, पिता ने चार शादी कर ली पर मेरी एक भी नहीं कराई"!युवक ने रोते हुए कहा
नेता -"अब तो तू, एक काम कर, अपने हाथ पर विश्वास रख, चुनाव जीतने के बाद, तेरा कुछ जुगाड़, जमवा दूंगा"!
युवक -"नेता, झूठेलाल, तुमने अगले चुनाव में भी यही कहा था"!
नेता -"अब पक्का करवा दूंगा, बस तू, इस बार और जितवा दे,,,हां"!
काफिला आगे बढ़ता है और नारे शुरू होते हैं
हमारा नेता कैसा हो झूठेलाल जैसा हो
आगे चाय की दुकान आती है
नेता-"सभी चुनावी, कार्यकर्ताओं को एक-एक रुपए की चाय पिला दो और किसी को भी समोसा, कचोरी, आलूबड़ा, पोहा मत खिलाना"!
नेता की बात सुनकर, एक कार्यकर्ता ने उसकी और घुर कर देखा
नेता -"अरे,,,वह क्या है ना, पैसे घर भूल आया हूं"! नेता ने हंसते हुए कार्यकर्ता को समझाया
चायवाला -"नेताजी एक रुपए में चाय का डिस्पोजल नहीं आता और तुम चाय की बात कर रहे हो, चल भाग यहां से, तेरे बाप का राज है क्या"?
नेता -"अरे ठीक है यार,,,गुस्सा मत हो, चल सबको चाय पिला और हमारा चुनाव चिन्ह, जूता है, ध्यान रखना"!
चाय वाले ने जूता निकाल कर कहा
चायवाला-"अभी लेगा या चुनाव वाले दिन"!
नेता-"बाद में देना, अभी सबको चाय दे"!
पिए-"नेताजी,,,सुबह से भूखा-प्यासा घूम रहा हूं,एक समोसा दिला दो यार"!
नेता -"भुक्कड़,,,धीरे से ले ले और आड़ में जाकर खाना,कोई देख लेगा तो सबको खिलाना पड़ेगा"!
"नेताजी हम भी खाएंगे, सुबह से भूखे-प्यासे नारे लगा रहे हैं, ताकत खत्म हो गई है"!चार कार्यकर्ताओं ने एक साथ कहा
नेता -"अरे,,,,इन सबको समोसे खिलाओ यार"!
फिर सभी कार्यकर्ता पेट भर-भर के खाने लगते हैं, जिसे जो पसंद आता है, वह,वो खाता है
नेता -"हां,,,,चायवाले भैया, कितना बिल हुआ है"?
चायवाला -"4,420 रुपए का"!
नेता -"अरे,,,इतने की तो तेरी, दुकान भी नहीं है"!
चायवाला -"चुपचाप बिल भर दे, नहीं तो यह छुर्रा, तेरे पेट में भर दूंगा"!
नेता -"अरे,,,दे रहा हूं यार, डरा क्यों रहा है"!
नेता ने चाय वाले को पैसे दिए, तभी नेता के पिता ने आकर कहा
पिता-"अरे,,,तू उनके साथ में फोकट, खर्चा क्यों कर रहा है"!
नेता -"अरे,,,पापा, इनको चुनाव के 5 दिन तक चटाना पड़ेगा, फिर 5 साल तक हम, इनका खून चाटेंगे, टेंशन मत लो, सौदा बहुत फायदे का है, हां"!
पिता -"अरे,,,पढ़े-लिखे गवार, तूने आज का पेपर नहीं पड़ा, कोरोना का भाई, छोड़ोना आ गया है, सरकार ने चुनाव निरस्त कर दिए हैं"!
नेता -"क्या"? और वहीं बेहोश हो गया